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श्री देवी भजन स्त्री विमर्श अख़बार एक ही कहानी शाम से गुपचुप बातें सूरज प्यार की दीवानी इन दिखावे वालें अपनों से... इस ख्वाबो वाली सपनों से... हमेशा जरा बचके ही रहना पगली लेकिन अब हकीकत में मुमकिन नही... सुबह वाली चाय तोह मैं बन ही जाऊँगा दुनिया बुढ़िया के गहने यादोमें तोह हम हमेशा ही साथ रहेंगे याद मकड़ी की जाल के समान संसार साथ खूबसूरत शाम वीर धन्य है चाय अदरक वाली दुर्गा जी के भजन

Hindi लेकिन तू चाय के साथ वाली नमकिन नही... हो सके तोह दूर ही रहना Audios